1 बड़ा मुनाज़रा ! दुनिया का पैदा करने वाला कोई है या नहीं।
हमारे हज़रते इमामे आज़म ''रदीयल्लाहू अन्हू'' का एक ऐसे व्यक्ति से मुनाज़रा हुआ जोकि अल्लाह की जा़त,सिफ़ात और हस्ती का इनकार करने वाला था। और मुनाज़रा की मजलिस में यही बात रखी गई थी कि दुनिया का (ख़ालिक़) पैदा करने वाला कोई है या नहीं। इस मुनाज़रा को सुनने के लिए दोस्त तो दोस्त दुश्मन भी जमा हो गए थे। मगर हज़रते इमामे आज़म रदी अल्लाहू अन्हू मुनाज़रा के वक्त से बहुत देर के बाद मजलिस में तशरीफ लाएं। उस "मुनकीर" इनकार करने वाले ने पूछा आप इतनी देर क्यों लगा दी। तो हमारे इमामे आज़म रदी अल्लाहु ताला अन्हु ने फ़रमाया कि अगर मैं जवाब में यह कहूंँ
मैं एक जंगल की तरफ निकल गया था। वहांँ पर एक वाक्य नज़र आया, जिसको देखकर मैं हैरत में आकर वहीं खड़ा हो गया। और क्या देखता हूंँ कि दरिया के किनारे एक दरख़्त है। देखते- ही देखते वह दरख़्त अपने आप कट कर ज़मीन पर गिर पड़ा।
फिर अपने आप उसकी तख्तियां बन गई, फिर उन तख्तियों से एक कश्ती बन गई। और वह कश्ती अपने आप दरिया में चली गई। दरिया के उस तरफ के मुसाफिरों को इस तरफ और इस तरफ के मुसाफिरों को उस तरफ लाने लेजाने लगी। यहांँ तक कि हर सवारी से खुद ही किराया भी उसूल करती थी।
तो अब बताओ तुम! मेरी बात पर यक़न करोगे ?
उसने यह सुनकर ज़ोर ज़ोर से हंसने लगा। और कहा आप जैसे बुज़ुर्ग इंसान इतने बड़े इमाम झूठ कैसे बोल सकते हैं। यह बड़ी ताज्जुब की बात है! जब तक कोई करने वाला ना हो तो हरगिज़ ऐसा नहीं हो सकता है।
इमामे आज़म ने फ़रमाया यह काम तो कुछ भी नहीं है। तुम्हारे नज़दीक तो इससे भी बड़े-बड़े काम खुद ब खुद तैयार हो जाते हैं। यह ज़मीन आसमान, चांँद, सूरज, सितारे, पहाड़ ,चोटियाँ, चौपाए, इंसान बिना किसी बनाने वाले के अपने आप ही तैयार हो गए हैं।
जब एक कश्ती बिना किसी बनाने वाले के अपने आप बन जाना झूठ बात है। तो इतनी बड़ी दुनिया, बिना किसी बनाने वाले के अपने आप बन जाना इससे भी बड़ी कोई झूठ है।
वह सेक
आप की तकरीर सुनकर हैरत में आ गया अफसोस करने लगा। और फ़ौरन अपना अकी़दा को छोड़कर मुसलमान हो गया।
तो मेरे प्यारे दोस्तों ! इस मुनाज़रा से पता चला कि इस कायनात, दुनिया, संसार, ब्रह्मांड का यकी़नन एक "खालिक" पैदा करने वाला है जिसका नाम अल्लाह है।
📚 तपसीरे कबीर| जिल्द:1|पेज:221√|📚
Tags:
इस्लामी वकिया।